बिना किसी विरोध के एक ब्राह्मण लड़की से निकाह, फिर उससे दो दो मुस्लिम बच्चे, ज्यादातर हिन्दू दर्शकों, निर्माताओं की मदद से मिली कामयाबी, देश से मिले अपार प्यार और सम्मान के बावजूद अगर नसीरुद्दीन शाह को इस देश और हिंदुओं से डर लगता है तो फिर उनका अल्लाह ही मालिक है!
पहले शाहरुख, आमिर और अब नसीरुद्दीन का ये नाहक विलाप हमारे देश के मुस्लिम कलाकारों की साम्प्रदायिक और संकीर्ण सोच व दोगलेपन का नमूना है।
नसीर भाई, कभी इस्लाम से पहले मुल्क को रखकर देखो, सब साफ नजर आएगा।
वंदेमातरम।
Comments
Post a Comment