- ऋगवेद में जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सौर चिकित्सा, मानस चिकित्सा और हवन द्वारा चिकित्सा आदि की भी जानकारी मिलती है। ऋग्वेद के दसवें मंडल में औषधि सूक्त यानी दवाओं का जिक्र मिलता है।
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- ऋगवेद में जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सौर चिकित्सा, मानस चिकित्सा और हवन द्वारा चिकित्सा आदि की भी जानकारी मिलती है। ऋग्वेद के दसवें मंडल में औषधि सूक्त यानी दवाओं का जिक्र मिलता है।
इसमें औषधियों की संख्या 125 के लगभग बताई गई है.
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- ॥ उपवेद ॥ वेदो के उपवेद भी हैं. आयुर्वेद को ऋग्वेद का,धनुर्वेद को यजुर्वेद का,गंधर्ववेद को सामवेद का और स्थापत्यवेद को अथर्ववेद का उपवेद माना जाता है.
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- गौरव की बात है कि, साल 2007 में ऋगवेद की 30 पांडुलिपियों को UNESCO's Memory of World Register में शामिल किया गया।
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- सबसे पुराना वेद है ऋगवेद. यह सम्पूर्ण मानव जाति की साहित्य की सबसे पुरानी कृति है. ऋगवेद में सृष्टि की उत्पत्ति, ईश्वर की सत्ता और जीवन जीने की कला के बारे में उपयोगी जानकारी है.
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- वेद हिंदू धर्म का आधार हैं. ज्ञान का यह भंड़ार हज़ारो वर्षो से मौखिक रूप से एक से दूसरी पीढ़ी तक प्रवाहित होता रहा है. लेकिन सनातन मान्यता के अनुसार दस हज़ार साल से भी पहले संस्कृत भाषा में इनकी रचना हुई थी. लेकिन लेफ्टिस्ट इतिहासकारो का मान्यता है कि ईसा पूर्व 1500 और 1000 वर्ष पूर्व वेदो की रचना हुई थी. ई.पू. 300 वर्ष पहले वेद वर्तमान स्वरूप में आए.
प्रमुख वेद 4 हैं: ऋगवेद, सामवेद, यजुर्वेद एवम अथर्ववेद !
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