भगवान को हमसे क्या चाहिए ?

सनातन सत्य

भगवान को हमसे क्या चाहिए ?





वे तो केवल सत्य -प्रेम और करुणा को देखते है ।

शबरी की जाति कौन सी ऊंची थी ? सुदामा के पास कौनसा धन था ? कुब्जा के पास कहा रूप सुंदर था ? ध्रुव बचपन मे कौन सा प्रसिद्ध था ? केवट के पास कौनसा विशेष कारण रहा होगा ?
 अनेक उदाहरण ऐसे है, जहाँ विशिष्टता नही थी । कहने का अर्थ है कि भगवान न तो आपकी जाति देखते है , न ही आपकी बाह्य सुंदरता, न ही आपके धन से उन्हे कुछ लेना देना है , न ही आपके यश से वे प्रभावित होंगे , न आपका पद और पार्टी से मतलब है, अपितु वे दयालु प्रभु तो केवल आपके शुभ-कर्मो , आपके हदय मे उनके प्रति भाव और भक्ति ही देखेंगे। वे हमारे बाहरी आडंबरो और प्रपंचो के अनुसार नहीं बल्कि हमारी भीतरी शुद्धता -पवित्रता-निश्छलता और निर्मलता के आधार पर ही कृपा करते है।

देवउठनी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं
कार्तिक शुक्ल११ , सं-२०७५

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